पटना यूनिवर्सिटी में गुरुवार को माहौल गरमा गया जब छात्रों ने व्हीलर सीनेट हाउस और शताब्दी गेट के बाहर प्रदर्शन किया। छात्र संघ चुनाव कराने और मई से बंद पड़े हॉस्टल खोलने की मांग को लेकर सैकड़ों छात्र सुबह 9:15 बजे से प्रदर्शन में जुट गए।
छात्रों की मांगें और आरोप
बीएन कॉलेज के सांख्यिकी के तृतीय वर्ष के छात्र गुंजन शर्मा ने कहा, “हम दो मुख्य मांगें कर रहे हैं। पहली, सभी हॉस्टल तुरंत खोले जाएं। दूसरी, छात्र संघ चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं, जो 2022 के बाद नहीं हुआ। वोट के जरिए अपने नेता को चुनना हमारा अधिकार है।”
छात्रों ने यह भी बताया कि हॉस्टल बंद होने के बाद उन्हें मजबूरी में लॉज में रहना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक और सामाजिक समस्याएं बढ़ रही हैं।
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि च्छठ पूजा के पहले कुलपति से मुलाकात में उन्हें आश्वासन दिया गया था कि त्योहार के बाद हॉस्टल खोलने पर चर्चा होगी, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
हॉस्टल बंद होने का कारण
गौरतलब है कि मई 2024 में बीएन कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्र हर्ष कुमार की पटना लॉ कॉलेज परिसर में कुछ छात्रों द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद प्रशासन ने सभी हॉस्टल बंद कर दिए।
खेल और अन्य समस्याओं पर भी विरोध
पटना साइंस कॉलेज के गणित विषय के पीजी छात्र प्रकाश तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय न केवल चुनाव और हॉस्टल के मुद्दों पर चुप है, बल्कि खेल गतिविधियों को लेकर भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, “नवंबर के पहले सप्ताह में ईस्ट जोन इंटर-यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप हुई, लेकिन चुने गए छात्रों को प्रतियोगिता में भेजने का प्रबंध नहीं किया गया। हमें खुद अपने खर्च पर जाने को कहा गया।”
दर्शनशास्त्र के पीजी छात्र अंकित शर्मा ने बताया कि प्रोफेसरों और प्रिंसिपलों द्वारा उपस्थिति को लेकर छात्रों को लगातार धमकाया जा रहा है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन, लेकिन चेतावनी भी
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और छात्र दोपहर 1:30 बजे तक वापस लौट गए। हालांकि, छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वह अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे और शुक्रवार से सभी कॉलेजों में कक्षाएं बंद कराएंगे।
छात्रों की यह बातें क्यों महत्वपूर्ण हैं?
पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों का यह आंदोलन सिर्फ चुनाव या हॉस्टल खोलने की मांग तक सीमित नहीं है। यह उनके अधिकारों और बुनियादी सुविधाओं को लेकर आवाज उठाने का प्रतीक है। विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों की समस्याओं पर ध्यान देना होगा, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो और शिक्षा का माहौल बेहतर बन सके।
प्रदर्शन का घटनाक्रम
सुबह 9:15 बजे छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मुलाकात की मांग के साथ प्रदर्शन शुरू किया। हालांकि, पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और छात्र दोपहर 1:30 बजे तक चले गए।