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गौतम अडानी और $250 मिलियन घोटाला: अमेरिकी अदालत का मामला…

हाल ही में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिकी फेडरल कोर्ट में एक बड़ा मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उन्होंने भारतीय सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को $250 मिलियन की रिश्वत दी। इसके अलावा, उन्होंने अमेरिकी निवेशकों को कंपनी की भ्रष्टाचार-रोधी नीतियों के बारे में गुमराह किया।

मामले की मुख्य बातें

1. रिश्वतखोरी का आरोप: अडानी समूह और अन्य ने 2020-2024 के दौरान सोलर एनर्जी परियोजनाओं के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी, जिससे उन्हें 20 सालों में $2 बिलियन का लाभ होने की संभावना थी।

2. अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को गुमराह करना: आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से फंड जुटाने के दौरान झूठी जानकारी दी कि कंपनी में कोई भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है।

3. कानूनी कार्रवाई: अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने इस मामले में अडानी और अन्य अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। इस मामले में गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए गए हैं।

आरोपों का विवरण

1. रिश्वतखोरी: आरोप है कि 2020-2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को $250 मिलियन की रिश्वत दी गई, जिससे कंपनी ने 20 साल में $2 बिलियन का मुनाफा अर्जित करने वाले ठेके हासिल किए।

2. झूठे दावे: SEC के अनुसार, अडानी ग्रीन एनर्जी ने निवेशकों को बताया कि उनके पास मजबूत एंटी-कॉरप्शन पॉलिसी है, लेकिन हकीकत में रिश्वतखोरी का सहारा लिया गया।

3. अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: इस मामले में अमेरिकी निवेशकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स को भी धोखा दिया गया।

संभावित असर

अडानी ग्रुप का यह मामला न केवल भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए बड़ा झटका है, बल्कि यह भारत की सोलर एनर्जी इंडस्ट्री की छवि को भी प्रभावित कर सकता है।

अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के बीच भारतीय कंपनियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकता है, जिससे भविष्य के निवेश पर असर पड़ सकता है।

अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया

अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज किया है और इसे भारत के विकास को कमजोर करने की “राजनीतिक साजिश” कहा है। कंपनी ने दावा किया है कि वे सभी कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे और अपने हितों की रक्षा करेंगे।

इस घटना का महत्व

यह मामला न केवल अडानी समूह की छवि पर प्रभाव डाल सकता है, बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र और वैश्विक निवेश पर भी असर डाल सकता है।

अधिक जानकारी के लिए आप इन स्रोतों को देख सकते हैं:

Data Center Dynamics

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The Straits Times

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